शालिग्राम के पत्थर से क्यों बन रहा है भगवान राम की मूर्ति शालिग्राम ने राम होने की यात्रा ये पत्थर 6 करोड़ साल पुराने है। हो सकता है ये पत्थर 6 करोड़ साल से अभिशप्त हो और मुक्ति के लिए तपस्या कर रहे हो। मुक्ति भी मिली तो नेपाल के गंडक नदी से मुक्त हुए और ईश्वर की कृपा हुई तो ये पत्थर स्वयं भगवान हो गए। मेरा ईश्वर में अतिविश्वास है, मैं घोर आस्तिक हूँ मुझे पता है कि कण-कण में भगवान है, हमारे अगल-बगल हर जगह विधमान है। सबकुछ वही कर और करा रहे है। अब देखिए अयोध्या जी में उत्सव का माहौल है क्योंकि राम लला वर्षों बाद अपने जन्मस्थान पर जा रहे है तो ऐसे शुभ कार्य में उनके ससुराल वाले कैसे पीछे रहते। नेपाल की गंडकी नदी से वर्षो पुराने शालिग्राम बाहर निकले है। ये पत्थर मानो भक्ति में 6 करोड़ साल से डूबे हुए थे। प्रभु के कहने से बाहर आए। अब तय किया गया कि इनसे राम मंदिर के गर्भगृह के लिए सीताराम की मूर्ति बनाई जाएगी। प्रभु की लीला देखिए। वर्षो से तपस्या में लीन शालिग्राम को आशीर्वाद में राम होना मिला है, कहते है न कि कण कण में राम है तो शालिग्राम के कण से राम है। जब नेपाल से शालिग्राम ने राम होने
15. मिसीसिपी (अमेरिका)
औसत प्रवाह: 4,800 घन मीटर प्रति सेकेंड
अमेरिका की प्रसिद्ध नदी है मिसीसिपी। इसके नाम से एक शहर भी है।
14. सेंट लॉरेंस (कनाडा, अमेरिका)
औसत प्रवाह: 16,800 घन मीटर प्रति सेकेंड
13. लेना (रूस)
औसत प्रवाह: 16,871 घन मीटर प्रति सेकेंड
12. पराना (ब्राजील, पराग्वे, अर्जेंटीना)
औसत प्रवाह: 17,290 घन मीटर प्रति सेकेंड
11. जापुरा (कोलंबिया, ब्राजील)
औसत प्रवाह: 18,620 घन मीटर प्रति सेकेंड
10. येनिसे (चीन, रूस)
खाड़ी में औसत जल प्रवाह: 19,600 घनमीटर प्रति सेकेंड
यह रूस की सबसे ज्यादा जल प्रवाह वाली नदी है। इस नदी कि लंबाई 5539 किलोमीटर है। इस नदी का उद्गम स्थान मंगोलिया के मध्य में है। यह नदी मंगोलिया के मध्य में बहती हुए रूस के कई भागों से होकर अंटार्टिका महासागर में जाकर मिल जाती है। इस नदी कि लंबाई 5539 किलोमीटर है। इस नदी का उद्गम स्थान मंगोलिया के मध्य में है। यह नदी मंगोलिया के मध्य में बहती हुए रूस के कई भागों से होकर अंटार्टिका महासागर में जाकर मिल जाती है।
09. ब्रह्मपुत्र (चीन, भारत)
पद्मा में संगम के दौरान औसत जल प्रवाह:19,800 घनमीटर प्रति सेकेंड
ब्रह्मपुत्र नदी तीन देशों चीन, भारत और बांग्लादेश से होकर प्रवाहित होती है| ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय के उत्तर में तिब्बत के पठार पर स्थित मानसरोवर झील के पास से निकलती है और हिमालय के साथ-साथ पूरब की ओर बहती है| ब्रह्मपुत्र हिमालय की सबसे पूर्वी चोटी नामचाबरवा के समीप दक्षिण की तरफ मुड़कर अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है| ब्रह्मपुत्र नदी अरूणाचल प्रदेश में वृहद् हिमालय को काटकर एक गहरे महाखड्ड (गॉर्ज) का निर्माण करती है, जिसे हम दिहांग गॉर्ज कहते हैं | ब्रह्मपुत्र नदी जब अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तो अरुणाचल प्रदेश की दो सहायक नदियाँ दिबांग नदी और लोहित नदी ‘ब्रह्मपुत्र नदी’से मिलती हैं, तत्पश्चात ब्रह्मपुत्र नदी असम राज्य के समतल घाटी में प्रवेश कर जाती है|
08. रियो डे ला प्लाटा (अर्जेंटीना, उरुग्वे)
खाड़ी में औसत जल प्रवाह: 22,000 घनमीटर प्रति सेकेंड
साउथ अमेरिका के उरुग्वे और अर्जेंटीना बॉर्डर पर स्थित इस नदी की गिनती दुनिया की सबसे चौड़ी नदी में की जाती है। इस नदी को रिओ डे ला प्लाटा ( Río de la Plata) के नाम से जाना जाता है।220 किलोमीटर चौड़ी है ये नदी।
रिओ डे ला प्लाटा की चौड़ाई 220 किलोमीटर है। हालांकि, भूगोल-शास्त्री पूर्णरूप से इसे नदी नहीं मानते हैं। लेकिन उनका कहना है कि रिओ डे ला प्लाटा वो खाड़ी है, जहां उरुग्वे और पेराना नदी मिलती है। लेकिन, अर्जेंटीना और उरुग्वे देश इसकी गिनती नदी के तौर पर ही करते हैं। दरअसल, ये दोनों छोटी नदियां है, जिसका मुख्य स्त्रोत अटलांटिक समुद्र है। ये दोनों नदिया अलग दिशाओं से बहती हुई रिओ डे ला प्लाटा में आकर मिलती है। इसके कारण इसकी गिनती दुनिया की सबसे चौड़ी नदी में होती है।
1516 में हुई थी खोज
सन 1516 में एक स्पैनिस नाविक जुआन दिज डे सोलिस ने सबसे पहले इसकी खोज की थी। जब वो अटलांटिक और प्रशांत महासागर के बीच रास्ता ढूंढ रहे थे। उस वक्त उन्होंने इसे मार ड्यूलिक या फ्रेश वाटर सी कहा था। इसके बाद 1520 में एक पूर्तगीज नाविक फर्डिनेंड मैगेलान ने इस पर कुछ और रिसर्च किए। इस नदी पर रिसर्च और इससे संबंधित खोजबीन लगातार जारी रहा है। लेकिन, इटालियन खोजकर्ता सेबस्टियन कैबोट ने 1526 से लेकर 1529 तक तक इस नदी पर काफी रिसर्च किए। इसके बाद इस नदी का नाम रिओ डे ला प्लाटा रखा गया। सेबस्टियन ने उस दौरान पेराना और उरुग्वे नदी की भी खोज की। जिसके बाद पूरी जानकारी दुनिया के सामने आ सकी।
07. नेग्रो (कोलंबिया, वेनेजुएला, ब्राजील)
अमेजन में संगम के दौरान औसत जल प्रवाह: 28,400 घनमीटर प्रति सेकेंड.
नीग्रो नदी, पुर्तगाली रियो नीग्रो, स्पेनिश रियो नीग्रो, अमेज़न की प्रमुख सहायक नदी। यह कई हेडस्ट्रीम में उत्पन्न होता है, जिसमें वाउपेस (मैपेस) और गुआनिया शामिल हैं, जो पूर्वी कोलंबिया के वर्षा वन में उगते हैं। गुआनिया पूर्व की ओर बहती है और फिर उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व की ओर झुकती है, जिससे कोलंबियाई-वेनेजुएला सीमा बनती है। ब्रेज़ो कैसीक्विएर के साथ सैन कार्लोस डी रियो नेग्रो के पास अपने जंक्शन के नीचे, एक प्राकृतिक जलमार्ग जो वेनेज़ुएला में ओरिनोको नदी से पानी लाता है, नदी नेग्रो नाम प्राप्त करती है और ब्राजील में प्रवेश करती है। नीग्रो आम तौर पर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर घूमता है, ब्रैंको नदी और अन्य सहायक नदियों को उठाकर मनौस तक जाता है। वहां यह अमेज़ॅन बनाने के लिए सोलिमोस नदी में शामिल हो जाता है। इसकी लंबाई लगभग 1,400 मील (2,250 किमी) है, जिसमें से 850 मील (1,370 किमी) ब्राजील में हैं। यह अपने मुंह से लगभग 450 मील (725 किमी) ऊपर तक चलने योग्य है। हालांकि इसके किनारों पर बसावट विरल है, नदी एक प्रमुख परिवहन धमनी है।
06. यांगत्से (चीन)
खाड़ी में औसत जल प्रवाह: 30,166 घनमीटर प्रति सेकेंड
यांग्त्सीक्यांग, चीन की सबसे लम्बी नदी है, जो सीकांग के पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर, दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बहती हुई, पूर्वी चीन सागर में गिरती है। इसे चांग ज्यांग या यांग्त्सी या यांग्ज़ी भी कहते हैं। यह विश्व की तीसरी सबसे लम्बी नदी है। प्रायः पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहने वाली इस नदी की लम्बाई लगभग 6300 किलोमीटर है।
यह सर्वप्रथम कुछ दूर उच्च पहाड़ी क्षेत्र में बहने के पश्चात् लाल बेसिन में प्रसेश करती है, जहाँ धरातल अत्यंत कटा फटा एवं कुछ असमतल है। यहाँ मिलक्यांग, चुंगक्यांग, सुइनिंग और कयाओलिंगक्यांग सहायक नदियाँ उत्तर से आकर मिलती हैं।
05. मादेइरा (बोलिविया, ब्राजील)
खा़ड़ी में औसत जल प्रवाह: 31,200 घनमीटर प्रति सेकेंड
मादेइरा / मदीरा नदी दक्षिण अमेरिका की एक प्रमुख नदी है जो बोलिविया और ब्राजील की सीमा पर स्थित है इस नदी का नाम कुएरा नदी है लेकिन पुर्तगाली लोग मदीरा या वुड नदी कहते है इस नदी का उद्गम बेनी और मैमोरी नदियों के संगम से हुआ है।
मादेइरा नदी की लंबाई :- 3,238 किमी
ब्राजील04. गंगा (भारत)
खाड़ी में औसत जल प्रवाह: 38,129 घनमीटर प्रति सेकेंड
भारत की सबसे बड़ी नदियों में गंगा का नाम है।गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। जो हिमालय के गौमुख से निकल कर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल होते हुए बंगाल की खाड़ी में समाहित हो जाती है। गंगा का पानी सबसे ज्यादा ऑक्सिजन भी रखता है जिससे इसका पानी कई सालों तक शुद्ध होता है।
03. ओरिनोको (कोलंबिया, वेनेजुएला)
खाड़ी में औसत जल प्रवाह: 40,000 घनमीटर प्रति सेकेंड,
ओरिनिको दक्षिण अमरीका की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। इसकी लंबाई २१४० मी.(१३३० मील) है। यह पाया जाता है, जैसा कि हमने उल्लेख किया है, वेनेजुएला में अमेज़ॅनस के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा ग्वावरे नदी से प्रभावित है, वह सीमाएँ कोलंबिया। इसे पूरे देश की सबसे बड़ी नदी माना जाता है। अपने अंतिम भाग में, यह अमेज़न नदी के मुहाने पर स्थित है। इसका डेल्टा इतना बड़ा है कि जब इसकी खोज की गई थी, तो यह एक समुद्र माना जाता था। बेसिन का आकार भी विशाल है और बड़ी मात्रा में पानी ले जाता है। ओरिनोको बेसिन में 436 से अधिक छोटी नदियाँ और 2000 जल धाराएँ हैं। ये मूसलाधार पानी का योगदान है जो प्राकृतिक रूप से नदी के बेसिन तक आता है और यह कुल प्रवाह को बढ़ाने में योगदान देता है। सारा पानी अंततः अटलांटिक महासागर में बह जाता है।
बेसिन का कुल आकार मापने के लिए काफी मुश्किल है, लेकिन अनुमान है कि इसमें कुल 990.000 वर्ग किलोमीटर हो सकता है, जिसमें से 643.480 किमी 2 वेनेजुएला के क्षेत्र में स्थित हैं। इस बेसिन के आयाम इसे दक्षिण अमेरिका के सभी में तीसरा सबसे बड़ा बनाते हैं।
02. कॉन्गो (कॉन्गो, डीपीआर कॉन्गो)
खाड़ी में औसत जल प्रवाह: 41,200 घनमीटर प्रति सेकेंड
कांगो डीपीआर DPR दुनिया की नवीं सबसे बड़ी नदी के साथ साथ दूसरी सबसे ज्यादा जल प्रवाह वाली नदी है। ये ईस्ट अफ्रीका के कांगो में स्थित है।
01. अमेजन (ब्राजील, कोलंबिया, पेरू)
खाड़ी में औसत जल प्रवाह: 2,09,000 घनमीटर प्रति सेकेंड।
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